सरकार गांवों की जमीन और पैसे से निगम की कंगाली दूर करना चाहती हैः ललित नागर

फरीदाबाद। हरियाणा सरकार द्वारा फरीदाबाद नगर निगम में जिले के 26 और गांवों को शामिल किए जाने के प्रस्ताव का अब चहुुंओर विरोध होना शुरू हो गया है। जिले के 26 गांवों में से अकेले तिगांव विधानसभा क्षेत्र के ही करीब 18 गांव इस सूची में शामिल है, जिसको लेकर तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक ललित नागर ने भाजपा सरकार के इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से विकसित गांव फिर से बदहाल हो जाएंगे। उनका विकास पूरी तरह से रुक जाएगा।

Government wants to transfer resources of villages to Nagar Nigam: Lalit Nagar

Faridabad. The proposal of the Haryana government to include 26 more villages in the district in the Faridabad Municipal Corporation has now started to protest. Of the 26 villages in the district, about 18 villages in the Tegaon assembly constituency alone are included in this list, regarding which Lalit Nagar, a former Congress MLA from the Tegaon assembly constituency, expressed strong objection to the BJP government’s proposal that this decision of the government Villages developed from this will be in a bad state again. Their development will be completely halted.

ललित नागर ने कहा कि नगर निगम भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा गढ़ है और यहां आए दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते रहते है। ऐसे में जब निगम प्रशासन अपने अधीन आने वाले क्षेत्रों का ही विकास नहीं कर पा रहा है, तो वह गांवों का विकास कैसे करेगा?

नागर इस प्रस्ताव के विरोध में गांव टिकावली, बादशाहपुर व खेड़ीकलां के ग्रामीणों के बुलावे पर आयोजित बैठक में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे।

पूर्व विधायक ललित नागर ने कहा कि गांवों में रहने वाले लोग आज भी ग्राम पंचायत में शामिल पंच-सरपंचों के माध्यम से ही गांवों का विकास चाहते है क्योंकि गांवों के नगर निगम में जाने के बाद वह विकास नहीं हो पाएगा, जो आज हो रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की योजनाओं के तहत ऐसे नीति-नियम है, जिसके तहत ग्राम पंचायतों को सीधे विकास कार्यो के लिए फंड जारी किया जाता है, अगर गांव निगम में शामिल हो जाएंगे तो यह फंड रूक जाएगा और विकास कार्य नहीं होंगे।

ललित नागर ने प्रदेश के मनोहर सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार जबरन ग्रामीणों पर यह तानाशाही नियम इसलिए थोप रही है क्योंकि सरकार की मंशा गांवों की जमीनों व बैंकों में जमा फंड्स पर है, जिससे वह निगम की कंगाली को दूर करना चाहती है।

उन्होंने बताया कि आज गांवों में पंचायत की सैकड़ों एकड़ जमीन है, जिस पर ग्रामीणों का हक है, अगर गांव निगम के अधीन हो जाएंगे, तो यह जमीन नगर निगम की होगी, इससे ग्रामीणों का कोई मतलब नहीं होगा वहीं जिले की ऐसी कई ग्राम पंचायतें है, जिनके खातों में 40 से लेकर 100 करोड़ रूपए तक की राशि जमा है और इस राशि के ब्याज मात्र से ही गांवों में अमूमन विकास हो जाता है, गांवों के निगम में जाने के बाद यह राशि निगम प्रशासन की होगी और पंचायतें पूरी तरह से कंगाल हो जाएगी।

पूर्व विधायक नागर ने कहा कि नगर निगम फरीदाबाद के अंतर्गत 40 वार्ड आते है, जिनमें अधिकांश क्षेत्र शहरी और कुछ एरिया गांवों का है, इन शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आज तक पूरी तरह से विकास नहीं हो पाया है। पीने के पानी से लेकर टूटी सडकें, कूड़ा कर्कट जैसी समस्याओं को लेकर आए दिन निगम मुख्यालय पर धरने प्रदर्शन होते रहते है, ऐसे में सरकार निगम क्षेत्रों और गांवों को आखिर क्यों शामिल कर रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार की इस घोषणा का पुरजोर विरोध करती है और वह जल्द ही इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समक्ष रखकर विधानसभा में उठावाएंगे और जरूरत पड़ी, तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

 

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